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9789386163134 - Vikram Pratap Singh Sachan: Zindagi Siyasat ke Shamiyane Mein
Vikram Pratap Singh Sachan

Zindagi Siyasat ke Shamiyane Mein (2016)

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ISBN: 9789386163134 bzw. 9386163136, Sprache unbekannt, Ebook, Paperback, Taschenbuch, neu.

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व्यंगात्मक कवितायें : पाठक के मन को गुदगुदाती, व्यवस्था और राजनीति, सामाजिकता पर तंज कसती कवितायें, संजीदा कवितायें : कवितायें जो रिश्तों​​ के बदलते मायने को टटोलती है, कवितायें जो आधुनिकता के मकड़जाल में फसते जाते सामजिक सरोकारों को खोजती है। जो नयी दोस्ती में पुरनेपन को खोजती है। आधुनिक कवितायें : आपाधापी भरी जिन्दगी में ,भूमण्डलीकरण के दौर में माँ,बाप, मायने तलाशती, बदबूदार होती सियासत, और महकते चहकते सियासतदारों, धर्म और अधर्म के बीच झूलती इन्सानियत को तौलती मापती कवितायेँ ग़ज़लें: सामान्य आदमी... व्यंगात्मक कवितायें : पाठक के मन को गुदगुदाती, व्यवस्था और राजनीति, सामाजिकता पर तंज कसती कवितायें, संजीदा कवितायें : कवितायें जो रिश्तों​​ के बदलते मायने को टटोलती है, कवितायें जो आधुनिकता के मकड़जाल में फसते जाते सामजिक सरोकारों को खोजती है। जो नयी दोस्ती में पुरनेपन को खोजती है। आधुनिक कवितायें : आपाधापी भरी जिन्दगी में ,भूमण्डलीकरण के दौर में माँ,बाप, मायने तलाशती, बदबूदार होती सियासत, और महकते चहकते सियासतदारों, धर्म और अधर्म के बीच झूलती इन्सानियत को तौलती मापती कवितायेँ ग़ज़लें: सामान्य आदमी के जीवन में परत दर परत झाँकती, किसानों,कामगारों की बात करती ग़ज़लें, उस बुधिया की बात , जिसके कभी भीड़ आकर मार जाती है, कभी गाँव में वही बुधिया तहसीलदारों ​​ के​ दबाव में बिखर जाता है, शहर में सब्जी की दुकान लगते जिसे पुलिस जीने नहीं देती उसी बुधिया, और उसके सरोकारों , रिश्तों, उसके योगदान, बात करती ग़ज़लें। और अन्त में कुछ मसले जो हमारी और आप की जिन्दगी से जुड़े है।Taal: hi;Formaat: ePub met kopieerbeveiliging (DRM) van Adobe;Kopieerrechten: Het kopiëren van (delen van) de pagina's is niet toegestaan ;Geschikt voor: Alle e-readers geschikt voor ebooks in ePub formaat. Tablet of smartphone voorzien van een app zoals de bol.com Kobo app.;Verschijningsdatum: juli 2016;ISBN10: 9386163136;ISBN13: 9789386163134; Ebook | 2016.
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9789386163134 - Vikram Pratap Singh Sachan: Zindagi Siyasat ke Shamiyane Mein
Vikram Pratap Singh Sachan

Zindagi Siyasat ke Shamiyane Mein (2016)

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ISBN: 9789386163134 bzw. 9386163136, in Englisch, ebook, paperback, ebook, paperback, ebook, paperback, Taschenbuch, neu, E-Book, elektronischer Download.

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